किराए पर ली थार सहित कई लक्जरी कार, मालिक के नाम का फर्जी आधार बनाकर बेच दी

किराए पर ली थार सहित कई लक्जरी कार, मालिक के नाम का फर्जी आधार बनाकर बेच दी


इंदौर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है, जो किराए पर कारें लेकर उसे बेच देता था। इनके पास से सात लग्जरी कारें भी जब्त की गई हैं। गिरोह का मास्टर माइंड एक ऑटो डील संचालक फरार है। पुलिस इसकी तलाश कर रही है।

इंदौर की लसूड़िया पुलिस ने ऐसे जालसाजों को पकड़ा है, जो रेंटल कार कंपनियों से कारें किराये पर लेकर गायब कर रहे थे। दो आरोपितों से दो करोड़ रुपये कीमत की सात लग्जरी कारें जब्त कर ली हैं। दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

मास्टर माइंड एक ऑटो डील संचालक है, जो अभी तक फरार है। पुलिस ने 18 मई को ‘गो विथ कार’ कंपनी के संचालक रोहित नागराज यदुवंशी (पंचवटी कॉलोनी) की शिकायत पर केस दर्ज किया था। रोहित ने इटारसी निवासी प्रतीक चौधरी को कार (थार एवं स्विफ्ट) किराये पर दी थीं।

प्रतीक ने दोनों गाड़ियां बेच दीं। वहीं बागेश्वर कार रेंटल कंपनी के संचालक प्रीतम कुशवाह और आयुष अग्रवाल ने भी फॉर्च्यूनर, बलेनो, एंडेवर, ग्लांजा, थार जैसी कारों की हेराफेरी की शिकायत दर्ज करवाई।

पुलिस ने अलग-अलग जगहों से बरामद की कीमती कारें

पुलिस ने छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम में दबिश देकर प्रतीक चौधरी निवासी इटारसी (नर्मदापुरम) व जितेंद्र उर्फ जीतू भावसार निवासी परासिया (छिंदवाड़ा) को पकड़ लिया। छिंदवाड़ा, नागपुर, जबलपुर में कीमती कारें बरामद कर ली हैं।

विभाग की वेबसाइट से निकालते थे जानकारी

टीआई तारेश सोनी के मुताबिक आरोपित परिवहन विभाग की वेबसाइट से वाहन मालिक की जानकारी निकालकर जाली रजिस्ट्रेशन और पेन व आधार कार्ड बना लेते थे। इन दस्तावेजों के जरिए गाड़ियों को बेच देते थे। कुछ गाड़ियों को न बिकने पर गिरवी रखा था। आरोपित राजा डेहरिया निवासी परासिया (छिंदवाड़ा) की तलाश है। वह कार खरीदने-बेचने का व्यवसाय करता है।